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New Year Message 2024


As the clock chimes midnight, people around the world gather to welcome the New Year.  In the quiet moments of the transition, many find solace in the contemplation of the lessons learned during the fading year.

The turning of the calendar became a symbolic bridge, inviting everyone to leave behind the burdens of the past and embrace the limitless possibilities of the future. Many engage in rituals that symbolize renewal, cleansing their minds and hearts to make space for a higher purpose and a deeper connection to the divine. Amidst the festivities, people take out a few moments to express their gratitude for the gift of life and the opportunity for spiritual evolution to their Guru and God.


In Shirdi the omniscient and omnipotent Guru Shri Sainath Maharaj worked round the year to protect and evolve His devotees and their families. He also worked day and night to provide them with their basic needs.

He was the Head of the family of each devotee’s home.


Let us thank our Guru at the end of the year beseeching Him to be our spiritual guide and protect us during the year 2024.


Jai Shri Sai.

Dr Chandra Bhanu Satpathy

Gurugram



 

नववर्ष संदेश -2024


(वर्ष के अंत में) जैसे ही मध्य रात्रि के समय घड़ी में बारह बजते हैं, समूचे विश्व में लोग नववर्ष का स्वागत करने के लिए एकत्रित हो जाते हैं। परिवर्तन के नीरव पलों में अनेक लोग गत वर्ष के दौरान जो सबक उन्होंने सीखे, उन पर मनन करके शांति प्राप्त करते हैं।


कैलेण्डर का बदलना एक प्रतीकात्मक पुल बन गया है, जो कि सभी को विगत के बोझ को पीछे छोड़ने और भविष्य की असीमित संभावनाओं को अपनाने के लिए आमंत्रित करता है। बहुत से लोग धार्मिक विधि-विधान करते हैं, जो कि नवीनीकरण और मन एवं हृदय के शुद्धिकरण के प्रतीक हैं, ताकि उच्च उद्देश्य की प्राप्ति - हेतु स्थान बन सके और ईश्वर के साथ गहन संबंध स्थापित हो सके।

उत्सवों के बीच लोग कुछ क्षण निकालते हैं और वे उपहार के रूप में मिले जीवन तथा आध्यात्मिक चेतना के विकास के लिए प्राप्त अवसर के लिए गुरु और ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।


शिरडी में सर्वज्ञ और सर्वशक्तिमान गुरु श्री साईंनाथ महाराज साल भर अपने भक्तों तथा उनके परिवारों की रक्षा करने और उनकी आध्यात्मिक चेतना के विकास के लिए कार्य करते थे। साथ ही वे दिन-रात उनकी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी कार्यरत रहते थे। वे अपने प्रत्येक भक्त के परिवार के मुखिया थे।


आइए, वर्ष के अंत में हम अपने गुरु को धन्यवाद दें और उनसे विनती करें कि वर्ष 2024 के दौरान वे हमारा आध्यात्मिक पथ - प्रदर्शन और हमारी रक्षा करें।


जय श्री साईं !

-डॉ. चन्द्रभानु सतपथी

गुरुग्राम

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